दाैर. सपना ने बताया, पति पांच साल से बिल्डिंग में
चौकीदारी कर रहे हैं। फ्लैट नं. 206 के रहने वाले मुकेश वाधवानी की कार
में पति से मामूली सा स्क्रैच लगा था। उस पर उन्होंने रात में साढ़े 10 बजे
मेरे पति को अपने प्लैट में लाइट बंद होना बताकर बुलाया था। पति ने नीचे से
पावर चेक किया तो फ्लैट में पावर सप्लाइ चालू था, लेकिन जब वे ऊपर गए तो
वहां उनसे स्क्रैच को लेकर विवाद करना शुरू कर दिया। इसके बाद अन्य फ्लैट
के रहवासी भी आ गए और बीच-बचाव कर मामला शांत किया। लेकिन रविवार की ही रात
व्यापारी मुकेश व दीपक चावला अपने भाई अक्कू और बंटी मोटवानी के साथ रात
करीब पौने दो बजे के दरमियान घर में घुसे और पति को बिस्तर पर ही मारना
शुरू कर दिया।
मेरी नींद खुली तो मुझे भी धक्का दे दिया। पति को पिटता देख मैंने उन
लोगों को रोकना चाहा तो मेरे पेट में मुकेश ने एक लात मारी फिर दीपक ने पति
को लात मारी तो आगे होने से मुझे उसकी भी लात लगी। इसके बाद पति बाहर की
ओर भागे तो उन्हें वहां दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और एक ने तो सड़क के डिवाइडर से
झाड़ उखाड़कर उसकी उसी से बुरी तरह पिटाई की। बाद में ये फिर बिल्डिंग में आए
तो इन पर केन मारी जो मेरे कंधे पर लगी, बाद में पति पर साइकिल उठाकर भी
फेंकना चाहा। इस विवाद में मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ गया और फूल टाइम होने से
मेरी तबीयत बिगड़ गई थी। बाद में डॉक्टरों ने हमारे बच्चे के जीवित न होने
की जानकारी देकर हमारी खुशियां ही काफूर कर दी। घटना के वक्त मेरी साढ़े चार
साल की बेटी लक्ष्मी भी मौजूद थी।
दोनों व्यापारी हिरासत में : वृंदावन धाम अपार्टमेंट के चौकीदार
अजय गौतम और उसकी पत्नी सपना से मारपीट करने वाले व्यापारी मुकेश वाधवानी
और दीपक चावला को पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने मामले
में आईपीसी की धारा 316 और एससी-एसटी एक्ट की धाराएं बढ़ाई हैं। पीएम रिपोर्ट आने के बाद गंभीर धाराएं बढ़ाई जाएंगी।पाल. सवाल- कोई कैसे कामयाब होता है? जवाब- संकल्प, समर्पण, शक्ति, धैर्य और लक्ष्य। दूसरा सवाल- जीवन सूत्रों की इस वर्णमाला से हमारी पहचान कौन कराए? जवाब- पहले माता-पिता और फिर गुरु। आइए आज शिक्षक दिवस पर अपने गुरुओं की सिखाई वर्णमाला को फिर से पढ़ते
हैं। अमल में लाकर गुरु का नमन करते हैं। इस वर्णमाला का हर अक्षर जिंदगी
की पाठशाला है। इसी वर्णमाला ने हमें जीवन के स्वर और कामयाबी के सूत्र दिए
हैं। आज शिक्षक दिवस है। दैनिक भास्कर
ने इस विशेष मौके पर वर्णमाला के हर अक्षर में वह सभी शब्द पिरोए हैं, जो
एक सफल जीवन के लिए चाहिए। आप इन शब्दों को पढ़ते हुए जब इस वर्णमाला से
गुजरेंगे, तो महसूस करेंगे कि यदि ये शब्द हमारे जीवन में हों तो जीवन
कितना सार्थक हो जाएगा।
गुरुओं ने हमें अक्षरज्ञान दिया है।
देवनागरी में कुल 46 वर्ण हैं, जिनमें 11 स्वर (अ, आ, इ... से ओ, औ तक), 33
व्यंजन, एक अनुस्वार (अं) और एक विसर्ग (अ:) शामिल हैं। इनके अलावा दो
द्विगुण (ड़ और ढ़) और चार संयुक्त व्यंजन (क्ष्र, त्र, ज्ञ, श्र) होते हैं।
ङ्, ञ्, ण्, न्, म् ये अनुस्वार पंचमाक्षर हैं। इन अक्षरों से ही शब्द आकार
लेते हैं। हमारे गुरुओं ने इन्हीं शब्दों से हमें जीने की जिद और जिंदगी
का महत्व बताया है।
इनके जन्मदिन पर मनाया जाता है शिक्षक दिवस
डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति और एक टीचर थे।
उनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को चेन्नई (तब मद्रास कहलाता था) तिरुतनी गांव
में हुआ था। उनके जन्मदिन को भारत में 'टीचर्स डे' के रूप में मनाया जाता
है। पॉलिटिक्स में आने से पहले उन्होंने अपने जीवन के 40 साल टीचिंग को दिए
थे। वो कहते थे- जहां से जो कुछ भी सीखने को मिले उसे अपने जीवन में उतार
लेना चाहिए। वह टीचिंग से ज्यादा स्टूडेंट्स के वह पढ़ाने से ज्यादा
छात्रों के इन्टलेक्चुअल डेवलपमेंट पर जोर देने की बात करते थे। 1954 में
उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
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